लॉकडाउन 2.0 / कोरोना कानून के उल्लंघन पर 2 साल तो अफवाह फैलाने पर 1 साल की सजा

दिल्ली- कोरोना वायरस से लोगों की जान बचाने के लिए सरकार को दूसरी बार देश में 19 दिन के लिए लॉकडाउन का निर्णय लेना पड़ा। इसे लेकर बुधवार को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसमें 20 अप्रैल के बाद किन चीजों पर प्रतिबंध लगाया गया है और किन पर छूट है का जिक्र किया गया है। इसमें भारतीय दंड संहिता 1807 व आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्रवाई का पूरा ब्यौरा है। आमतौर पर आपदाओं को प्राकृति आपदा के तौर पर समझा जाता है। आपदा प्रबंधन एक्ट की धारा 2 (डी) में आपदा का मतलब, किसी क्षेत्र में प्राकृतिक या मानवकृत कारणों व उपेक्षा से पनपने वाली कोई महाविपत्ति को बताया गया है। शादी और अंतिम संस्कार के लिए भी डीएम का लेना होगा परमिशन। आइए जानते हैं आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत होने वाली कार्रवाई के बारे में।


कानून तोड़ने पर सजा और जुर्माने का है प्रावधान


आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 के तहत प्रावधान है, सरकारी आदेश को मानने से इंकार करने और उस आदेश को रोकने पर एक साल व जुर्माने की सजा और यदि उससे किसी व्यक्ति के जीवन को हानि या कठिनाई होती है तो उसमें 2 साल की सजा व जुर्माने का प्रावधान है।
धारा 52 के तहत झूठा दावा प्रस्तुत करने पर, सरकार से झूठ बोलकर कोई रिलीज या फायदा लेने पर 2 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
धारा 53 के तहत सरकारी पैसे या मेटेरियल का अपने फायदे के लिए उपयोग करने पर 2 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
धारा 54 के तहत आपदा के बारे में झूठी सूचना फैलाने पर, जिससे कि जनता में भय उत्पन्न होता हो 1 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
धारा 55 के तहत सरकारी विभाग द्वारा अपराध करने पर विभाग का मुखिया जिम्मेदार होगा, जब तक कि वह यह साबित न कर दें कि उसने पूरी सावधानी बरती थी और तत्पश्चात लापरवाही के लिए जिम्मेदार अफसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
धारा 56 के तहत यदि कोई अधिकारी अपनी ड्यूटी को छोड़ता है या उसे करने से मना करता है, जिसकी उसके पास लिखित अनुमति ना हो तो वह 1 साल की सजा व जुर्माने से दंडित होगा।
धारा 57 के तहत धारा 65 में दिए गए नियमों को तोड़ने पर 1 साल की सजा और जुर्माना होगा।
धारा 58 के तहत कंपनी द्वारा किए जाने वाले सरकारी योजना के अनुसार जो भी कंपनी के डायरेक्टर और इंचार्ज होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
धारा 59 के तहत धारा 55 और धारा 56 में कार्रवाई करने के लिए सरकार की  अनुमति आवश्यक है।
धारा 60 के अनुसार अपराध का संज्ञान लेने के लिए केंद्रीय राज्य या जिला अधिकारी द्वारा लिखित शिकायत दी जाएगी या फिर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा स्वयं 30 दिन का नोटिस देकर केंद्रीय राज्य व जिला अधिकारी को शिकायत की जाएगी।
आईपीसी की धारा 188 में यदि कोई व्यक्ति सरकार के आदेश की अवहेलना करता है तो उसे एक महीने की सजा और दो सौ रुपए जुर्माने के तौर पर देना होगा। और यदि इसकी अवहेलना करने से समाज या किसी व्यक्ति को कोई हानि होती है तो उस स्थिति में 6 महीने की सजा और 1 हजार जुर्माने का प्रावधान है।
शादी के लिए समय और पूरी डिटेल डीएम को देनी होगी  


अधिवक्ता मनीष भदौरिया का कहना है कि लॉकडाउन में सामान्य मौत पर भी उस शख्स के अंतिम संस्कार के लिए इलाके के डीएम से पहले अनुमति लेनी होगी। उन्हें उस शख्स का अंतिम संस्कार कराने के लिए पीड़ित परिवार को आवेदन करना होगा। कितने लोग शामिल होंगे और कितना समय लगेगा, उसका भी जिक्र करना होगा। वहीं, इस दौरान होने वाली शादी के लिए भी डीएम से परमिशन लेना जरूरी होगा।