नई दिल्ली. देश में बुधवार को कोरोना संक्रमितों की संख्या 53 हजार के पार हो गई। पिछले 3 दिनों में संक्रमण बढ़ने की रफ्तार सबसे तेज रही है। रविवार 4 मई को देश में 41 हजार संक्रमित थे। जो 7 मई को बढ़कर 53 हजार से ज्यादा हो गए। कोरोना के बढ़ते ग्राफ पर नजर डालें तो 0 से 10 हजार मामले 75 दिन में सामने आए।
पहले मामले की पुष्टि केरल में 30 जनवरी को हुई थी। 13 अप्रैल को यानी 75 दिन के बाद संक्रमितों की संख्या 10 हजार पहुंच गई थी। इसके बाद महज 8 दिन यानी 21 अप्रैल तक संक्रमितों की संख्या 20 हजार तक पहुंच गई। फिर अगले 7 दिनों में यानी 28 अप्रैल तक संक्रमितों की संख्या 30 हजार के पार हो गई। वहीं 30 से 40 हजार मामले होने में केवल 5 दिन लगे और अगला 10 हजार का आंकड़ा सिर्फ 3 दिन में बढ़ा।
लॉकडाउन के बाद 49 हजार 429 संक्रमित मिले
केंद्र सरकार का दावा है कि लॉकडाउन के चलते संक्रमण को फैलने से काफी हद तक रोका गया, लेकिन आंकड़े इसके उलट हैं। देश में 24 मार्च तक संक्रमितों की संख्या 571 थी। 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन लागू हो गया। इसी बीच संक्रमण के सबसे ज्यादा 49 हजार 429 मामले सामने आए।
संक्रमण और मौत दोनों मामलों में महाराष्ट्र आगे
- देश में 11 राज्य ऐसे हैं, जिनमें संक्रमण के मामले 1 हजार से ज्यादा हैंं। ये राज्य हैं- महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल। इनमें सबसे ज्यादा 15 हजार संक्रमित महाराष्ट्र में हैं। यह देश के कुल संक्रमितों का 30% हिस्सा है।
- देश में 1 मार्च तक सिर्फ केरल में 3 संक्रमित थे। ये तीनों विदेश से लौटे थे। 14 मार्च को यह संख्या बढ़कर 19 हो गई। उस दिन तक महाराष्ट्र में 14 मरीज थे। अगले दिन 15 मार्च को केरल में 24 और महाराष्ट्र में 32 मरीज हो गए। इसके बाद से महाराष्ट्र संक्रमितों के मामले में पहले ही नंबर पर रहा।
अप्रैल में हुई सबसे ज्यादा मौतें
11 मार्च को देश में पहली मौत दर्ज की गई। 31 मार्च तक मौत का यह ग्राफ काबू में था। इस बीच, 50 लोगों ने कोरोना के चलते जान गंवाई थी। लेकिन 31 मार्च के बाद हालात खराब हो गए। अप्रैल में मौतों की संख्या में 100 गुना से ज्यादा इजाफा देखने को मिला। इस बीच 1100 लोगों की मौत हुई। मई की शुरुआत सबसे खतरनाक हुई है। महज 6 दिनों में 600 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।