सोशल(समाज) झूठ न बोले! शासन प्रशान की भूल या ओवर कॉफीडेंस! कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप का जिम्मेदार कौन

न्यूज वाणी ब्यूरो
शाहजहाँपुर- लगभग मात्र एक सप्ताह पूर्व ही तो ग्रीन जोन घोषित हुआ था शाहजहाँपुर लेकिन उससे पूर्व जब एक विदेशी जमाती कोरोनावायरस से पॉजेटिव क्या निकला कि देश भर के जमातियों की नाक में दम ही कर करके रख दिया मीडिया ने!कोरोना वायरस, जाति, धर्म देख पूंछ कर बार नही कर रहा, मीडिया अक्सर भूल कर प्रसारण करने में अपना सब कुछ दाव पर लगाने में उस टीआरपी की बढ़त चाहती जिसे एक सामान्य आदमी की देन कहा जाता है! उत्तर प्रदेश में महानगर रूपी जिला शाहजहाँपुर को प्रदेश सरकार ने तत्काल हरी झंण्डी दिखा कर ग्रीन जोन बनाया और लॉकडाऊन में खासी ढ़ील दे डाली व कोरेंटाईन सेंटरो को भी बन्द सा कर दिया और उधर बाहर फंसे का ग्रह जनपद को लोगो को घर पहुंचने के लिए भी बड़े बड़े और भारी इन्तजाम कर डाले परन्तु बाहर से आ रहे लोगो की कोई ठोस जांच नीति नही बनाई गई बस नार्मल रूप से थर्मल स्क्रीनिंग की फार्मल्टी अदा कराने में सारे सिस्टम को लगा दिया! थर्मल स्क्रीनिंग को कोरोनावायरस की ठोस जांच मान भी लिया जाय तो फिर महानगर में कोरोनावायरस के संक्रमितो की जो अचानक बढ़ोतरी होती जा रही है उसके क्या इंतजामात किये गये हैं, यह बड़ा सबाल है परन्तु इस सत्य सबाल को करने से पूर्व इंसान को सौ बार सोचना पड़ रहा है! महानगर जनपद के अल्लागंज से निकले पहले कोरोनावायरस मरीज के बाद अचानक निगेही के लोहरगंवा गांव और फिर उसके बाद बम्बई से आये खुदागंज में दो मरीज और अब खुदागंज के उसी घर में पिछले मरीज की बहन के रूप में एक और मरीज निकलने की सोशल साईड पर जम कर चर्चा चल रही है! सोशल साईड की फेसबुक पर चल रही कोरोना मरीजो की सारी चर्चा के पूरी तरह गलत मानना एक और भूल कहा जा सकता है! हांलाकि जिला स्तर से जिलाधिकारी द्वारा पूरी गंभीरता से लेने के बाद भी संक्रमित मरीजो की संख्या में बढ़ावा होने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता! बाजारो को दो समय अलग अलग पूरे दिन का खुलना, सोशल डिस्टेंशन का जम कर उल्लंघन, शराब की दुकानो पर मास्क जेब में रख कर भीड़ एकत्रित होना, बैंको में लगती लम्बी लाईने आदि पर कोरोना को दावत दिये जाने का शक न भी किया जाये तो भी बोम्बो, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान से पलायन कर घरो को लौटने वाले परिवारे एंव व्यक्तियों की थर्मल स्क्रीनिंग मात्र कोरोना से जंग में कदापि सहायक नही माना जा सकता! विश्व स्वास्थय संगठन के अनुसार कोरोना को जीवन में शामिल कर लेना चाहिए क्यूंकि अभी इससे पूरी तरह निजात मिलना असंभव है को सभी मान लिया जाय तो सरकार को एक बार फिर से मंथन कर सख्ती से निपटने के लिए लॉकडाऊन के कड़े नियम बना कर उनका पालन कराने के लिए सामने आना होगा बरना विश्व गुरु का सपना तो मात्र एक सपना सा लग ही रहा है लेकिन हाल के दिनो में हमारे देश को विश्व स्वास्थ्य संगठन का मुखिया बनाया जाना भी तभी सार्थक हो सकता है!